कोरोना से उबरने के बाद 10 साल बूढ़ा हो जाता है मरीजों का दिमाग: शोध
सेहतराग टीम
हाल ही में कोरोना पर किए गए नए शोध में नई बड़ी जानकारी सामने आयी है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के दिमाग पर इतना बुरा प्रभाव डालता है कि यह दिमाग के 10 साल बूढ़े होने के बराबर होता है। मतलब दिमाग की कार्य प्रणाली बेकार हो जाती है।
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लंदन के इंपीरियल कॉलेज में किये गए इस शोध के मुख्य विशेषज्ञ डॉक्टर एडम हैम्पशायर और उनकी टीम ने 84,000 से अधिक लोगों पर समीक्षात्मक अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि कुछ गंभीर मामलों में कोरोना वायरस संक्रमण का संबंध महीनों के लिए दिमाग में होने वाले नुकसान से है। इसमें दिमाग की समझने की क्षमता व कार्य करने की प्रक्रिया शामिल है।
शोध में रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अध्ययन से इस बात की पुष्टि होती है कि कोरोना महामारी दिमाग पर बुरा प्रभाव डाल रही है। इसमें यह भी दावा किया गया है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं या जिन लोगों में अब इसके एक भी लक्षण नहीं है, उनके दिमाग की कार्य प्रणाली पर नुकसान पहुंच रहा है।
हैम्पशायर की टीम ने एक टेस्ट किया। इसे कॉग्निटिव टेस्ट कहते हैं। इस टेस्ट के यह जांचा जाता है कि आखिर इंसान का दिमाग कितने बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है। इसमें लोगों से पहेली सुलझवाई जाती है। आमतौर पर ऐसे टेस्ट अल्जाइमर के मरीजों की जांच में होता है। हैम्पशायर की टीम ने 84,285 लोगों के नतीजों का विश्लेषण किया। इन लोगों ने ग्रेट ब्रिटिश इंटेलिजेंस टेस्ट नामक एक अध्ययन को पूरा किया है। अभी इसके नतीजों की कुछ विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जानी है। इन्हें MedRxiv वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रकाशित किया गया था।
(फोटो साभार- Medpagetoday)
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